सीएम गहलोत ने अपने राज्य का आम बजट पेश करते हुए कहा कि 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दिया जाएगा साथ ही साथ उन्होंने मानदेय पर नियुक्त कर्मचारियों की मानदेय में 20% की वृद्धि करने का भी निर्णय लिया जय वृद्धि 1 अप्रैल 2022 से प्रारंभ होगी । वही सातवें वेतनमान से वंचित कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
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2004 से बंद है पुरानी पेंशन योजना
पुरानी पेंशन योजना अटल बिहारी की सरकार केंद्र में थी तब से इसे बंद कर नया पेंशन योजना एनपीएस लागू किया गया था इसके बाद इसका अनुकरण करते हुए सभी राज्यों में पुराना पेंशन योजना बंद करने पेंशन योजना लागू कर दी।
2004 के बाद नियुक्त किसी भी कर्मचारी को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जाए ऐसा प्रावधान था और नए पेंशन योजना एनपीएस के तहत पेंशन प्लान दिया जाएगा।
ओपीएस और एनपीएस में क्या अंतर है नीचे जाने-
पहला- एनपीएस में कर्मचारी के वेतन के 10% प्लस टीए की कटौती की जाती है जबकि पुरानी पेंशन में जीपीएफ की सुविधा होती है।
दो पुरानी पेंशन योजना एक सुरक्षित योजना है जिसमें पेंशन का भुगतान गवर्नमेंट केटेगरी से किया जाता है परंतु एनपीएस पेंशन का भुगतान शेयर मार्केट पर आधारित होता है।
ओ पी एस रिटायरमेंट के समय किन के शिक्षा मंत्री के 50% निश्चित पेंशन मामा के बाद मिलने वाले लाभ होता है जबकि एनपीएस में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है
ओपीएस में रिटायरमेंट के समय 2000000 तक ग्रेच्युटी बनती है जबकि एनपीएस में इसका कोई स्थाई प्रावधान नहीं है।
पुरानी पेंशन में सर्विस के दौरान मौत होने पर परिवार को पेंशन का प्रावधान है जबकि एनपीएस में परिवार को पेंशन मिलती है परंतु जमा राशि सरकार द्वारा जब तू चली जाती है
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