हाईकोर्ट के अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के जरिए शिक्षा सेवा संवर्ग के नियम 15 को चुनौती दी गई थी नीलम कुमार एवं अन्य ने प्रमोशन प्रक्रिया को चुनौती दी थी ज्ञात हो कि राज्य सरकार द्वारा 5 वर्ष के अनुभव रखने वाले सहायक शिक्षक प्रधान पाठक प्राथमिक शाला व शिक्षक के पदों पर पदोन्नति के लिए पात्र होंगे। राज्य सरकार द्वारा नियम को शिथिल कर 3 वर्ष कर दिया गया था। इस नियम में विभिन्न विसंगतियां सामने आई जिसके आधार पर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और बताया गया कि शिक्षक एलबी संवर्ग की वरिष्ठता निर्धारण का कोई प्रावधान नहीं है । सभी संभाग में अलग-अलग वरिष्ठता निर्धारण हो रहा है जिससे एक रुपता नहीं है।
जिससे संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन हो रहा है इस सुनवाई के पश्चात डिवीजन बेंच ने आगामी आदेश तक प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के पदोन्नति एवं शिक्षक के पदोन्नति पर रोक लगा दी है।
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