रायपुर -छत्तीसगढ़ विधानसभा में स्वामी आत्मानंद स्कूलों को लेकर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा स्वामी आत्मानंद के नाम पर खोले गए स्कूल में बच्चों के भविष्य बनाने के बजाय उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इन स्कूलों को शिक्षा विभाग से अलग करके कलेक्टर के अधीन करने के कारण अव्यवस्था व्याप्त हुई। इस अव्यवस्था को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाई गई समिति को समाप्त किया जाएगा। और अब अगले सत्र से स्वामी आत्मानंद स्कूल का संचालन शिक्षा विभाग जाएगा।
ये स्कूल पहले जिन हस्तियों के नाम से जाने जाते थे। उनका नाम एक बार फिर से स्वामी आत्मानंद से पहले जोड़ा जाएगा। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने जवाब में अगले शैक्षिक सत्र से कलेक्टर की समितियां को भंग कर आत्मानंद स्कूलों का संचालन शिक्षा विभाग के जरिए करने की घोषणा की है उन्होंने कहा है अभी हमारे सरकारी प्राचार्य और व्याख्याता को भी कलेक्टर वेतन देते हैं इस मामले में जहां-जहां गड़बड़ी होगी उसकी हम जांच करवाएंगे जो शिकायत आएगी उसमें कार्यवाही करेंगे।
स्वामी आत्मानंद स्कूल के मेंटेनेंस में 800 करोड रुपए
अजय चंद्राकर ने रोड तिवारी स्कूल के जर्जर भवन और छत के स्लिप गिरने के मामले में सवाल किया कि स्मार्ट सिटी के मध्य का मेंटेनेंस में किस नियम से उपयोग किया गया है कौन सी तकनीकी संस्था है जिसने कार्य संपादित किया जवाब में बृजभान अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड में टीसीआईएल तकनीकी सलाहकार कंपनी है उसी के द्वारा तैयार एस्टीमेट और तकनीकी परीक्षण कराया गया है।
अजय चंद्राकर ने कहा कि इतना मेंटेनेंस करवाने के बाद भी स्कूल में यह घटना घटी पूरे प्रदेश की मेंटेनेंस के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है क्या उन पर कार्यवाही होगी कुछ मोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में 771 आत्मानंद स्कूल है इनमें चार से तीन अंग्रेजी और 348 हिंदी माध्यम की स्कूल है इन स्कूलों में लगभग 800 करोड रुपए खर्च किया गया है।